खनन प्रौद्योगिकी हेतु ज्ञानाधार
कोयलों और खनिजोंके खनन मेंविभिन्न प्रकार के औपेनिंगों के डिजाइन शामिल हैंऔर स्थिरता के दृष्टिकोण से इन औपेनिंगों को मुख्यतः तीन श्रेणियों - लघु, मध्यम और दीर्घकालिक स्थिरमें विभाजित किया जा सकता है।ये औपेनिंग देश की आग्नेय मूल केप्रबल और प्रत्यास्थ शैल संहति से लेकर अवसादी मूल के नाजुक और भंगुर स्तर तक व्यापक रूप से परिवर्तित होती भू-खनन स्थितियों के तहत बने हैं।इसके अलावा, भारतीय शैल संहति की विशिष्टता के कारण हमारे खनिजों और कोयलों के निष्कर्षण के लिए विदेशी तकनीक को लागू करना अनुकूल नहीं है।पिछले साठ वर्षों से, सिम्फर द्वारा भारतीय भू-खनन परिस्थितियों के अंतर्गत भूमिगत खनन औपेनिंग के इष्टतम डिजाइन के लिए इंजीनियरिंग शैल यांत्रिकी एवं भू नियंत्रण मुद्दों का अध्ययन किया जा रहा है।संस्थान द्वारा बड़े पैमाने पर सफलतापूर्वक जांच पूरी की गई हैं जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न मूल्यवान स्वदेशी मानदंडों, नियमनों और प्रौद्योगिकियों का विकास हुआ है।इन विकासों के लिए व्यापक क्षेत्र अन्वेषण/ परीक्षण एवं संख्यात्मक और भौतिक मॉडलों पर अनुकरण मूलभूत उपकरण हैं।वर्तमान में, सीएसआईआर-सिम्फर के पास उत्कृष्ट तकनीकी ज्ञानाधार उपलब्ध है ताकि भविष्य में कठिन भू-खनन परिस्थितियों के तहत खनन के क्षेत्र में आने वाली में समस्याओं का समाधान किया जा सके।
सीएसआईआर-सिम्फर नेभारतीय भू-खनन स्थितियोंके क्षेत्र मेंकाफी विशेषज्ञता और ज्ञानाधार अर्जित की है तथा व्यापक रूप से प्रचलित कईमूल्यवान नियमन विकसित किए हैं।सीएसआईआर-सिम्फर के दस महत्वपूर्ण नियमन निम्न प्रकार हैं:
शैल संहति व्यवहार के महत्वपूर्ण इनपुटऔरभू-खनन स्थितियों की बेहतरीन समझ सहित मूलभूत शैल यांत्रिकीसिद्धांतों के अनुप्रयोगों के परिणामस्वरूपनिम्नलिखित महत्वपूर्ण विकास किए गए हैं,जिन्हें खनन उद्योग द्वारा व्यापक रूप से उपयोग में लाया जा रहा है:
1. एकल लिफ्ट में स्थूल कोयला संस्तर की कुल मोटाई का केबल-आधारित विस्तंभन।
2. स्तंभों में लॉक्ड-अप कोयले के निष्कर्षण के लिए शॉर्ट-वॉल खनन प्रौद्योगिकी।
3. कोयला संस्तर मिथेन और कोयला खान मिथेन के लिए संसाधन मूल्यांकन।
4. हाईवॉल खनन द्वारा लॉक्ड-अप कोयले के निष्कर्षण डिजाइन के लिए प्रौद्योगिकी।
5. ब्लास्टिंग गैलरी विधि द्वाराएकल लिफ्ट मेंपूरी ऊंचाई तक कार्य करने के लिए के लिएस्थूल कोयला संस्तर (पहले से ही छत के क्षितिज के साथ विकसित) का सांतरित विकास।
6. कमजोर और लैमिनेटेड पार्टिंग वाले स्थूल कोयला संस्तर के निकटवर्ती खंडों का मूजबूती के साथ समकालिक निष्कर्षण।
7. कुशल विस्फोटन और विखंडन तकनीकें।
8. भूमिगत कामकाज की जलवायु परिस्थितियों में सुधार के लिए सीलबंद खानों के आस-पास अतिरिक्त दाब अंतर को निष्क्रिय करना।
9. कठोर छत के प्रेरित केविंग के साथ कठोर छत प्रबंधन।
10. भूमिगत शून्य स्थिरीकरण के लिए उड़नशील राखपृष्ठभरणप्रौद्योगिकी।
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